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Acharya89's blog

General Vastu tips for Sagittarius

Submitted by Acharya89 on Sun, 06/09/2024 - 09:28

The native born in the first and second phases of the sign Sagittarius will have an open space on the west . From his house there will be a road going from north to south . Towards south there will be a Shiv- Temple while on the positions of Gemini and Sagittarius there will be a fountain or a cascading fall. The house owner will be the worshipper of Lord Shiva or Goddess Kali, deeming them as the house deities .

सियार सिंगी मंत्र

Submitted by Acharya89 on Thu, 06/06/2024 - 12:28

धन की महत्त्वपूर्ण भूमिका हमारे जीवन में हमेशा से रही है । धन हमारे जीवन को सुखी और आरामदायक बनाने के लिए एक महत्वपूर्ण साधन है, और लोग इसे प्राप्त करने के लिए विभिन्न तरीकों का सहारा लेते हैं । यहां हम एक ऐसे रहस्यमय और चमत्कारी मंत्र के बारे में जानेंगे जिसे “सियार सिंगी मंत्र“ के नाम से जाना जाता है । इस मंत्र के प्रभावशाली जादू को पारंपरिक रूप से धन को आकर्षित करने के लिए प्रयोग किया जाता है ।
Siyar Singi Mantra ka Rahasya :

श्वेत गूंजा के फायदे

Submitted by Acharya89 on Thu, 06/06/2024 - 12:27

१. अनिद्रानाशक प्रयोग : अगर किसी को रात में नींद नही आती हो तो श्वेत गूंजा की जड़ सिरहाने पर रखकर सोने से अच्छी नींद आती है । यह shwet gunja का एक सफल प्रयोग है ।

२. सम्मोहन : सम्मोहन के लिए shwet gunja की जड़ को पीसकर , पर्ण बीज, पत्थलचूर के साथ मिलाकर श्वेत अपराजिता का रस मिलाकर कपडे में या फिर माथे में इसका टीका लगाकर शक्तिचक्र पर प्रयोग किया जाए तो आशातीत सफलता मिलती है ।

अश्व नाल तंत्र क्या होता है और इसका उपयोग कैसे किया जाता है

Submitted by Acharya89 on Thu, 06/06/2024 - 12:25

नाखून और तलवे की रक्षा के लिए लोग प्रायः घोड़े के पैर में लोहे की नाल जड़वा देते हैं, क्योंकि उन्हें प्रतिदिन पक्की सड़कों पर दौड़ना पड़ता है । यह नाल भी बहुत प्रभावी होती है । दारिद्र्य निवारण के लिए इसका अश्व नाल तंत्र प्रयोग अनेक प्राचीन ग्रंथों में वर्णित है ।

Astrological Research and Analysis Center

Submitted by Acharya89 on Thu, 06/06/2024 - 12:18

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पद्मिनी नागिनी साधना वि

Submitted by Acharya89 on Mon, 05/20/2024 - 01:34

पद्मिनी नागिनी :नाना प्रकार के देबकार्यो में एक बर्ग नागों का भी आता है । अन्य देबों की भांति नाग भी देबगण ही हैं । जिस प्रकार जलों के अभिमानी देब बरुण आदि हैं और जलों के रक्षक राक्षसादि अपदेब हैं, धनों के अभिमानी देब यक्ष आदि हैं उसी प्रकार संगीत और कलाओं के अभिमानी देबताओं में गन्धर्ब और अप्सराएं आदि हैं । इसी प्रकार बिषों के अभिमानी देबताओं में नागादि आते हैं ।

कर्कोटमुखी नागिनी साधना कैसे करें?

Submitted by Acharya89 on Mon, 05/20/2024 - 01:32

कर्कोटमुखी नागिनी मंत्र :ॐ भू: कर्कोटमुख्यै नम: ।।

बिधान : इस मंत्र से नागस्थान पर जाकर पूर्णिमा से अमाबस्या तक नित्य षोडशोपचार पूजा करके ७००० मंत्र का जप करे ।

अष्ट नागिनी साधना मंत्र क्या है?

Submitted by Acharya89 on Mon, 05/20/2024 - 01:31

अष्ट नागिनी साधना : अब आठ प्रकार की नागिनियों को सिद्ध करने के मंत्र तथा उनकी साधन बिधियों का बर्णन किया जाता है ।

किसी भी नागिनी का साधना करते समय उसका माता, बहन अथबा पत्नी के रूप में चिंतन करना चाहिए । साधक जिस रूप में नागिनी का चिंतन करेगा, बह उसी रूप में साधक की मनोकामनाओं को पूर्ण करेगी ।

रात्रि में देबी से बात करने का मंत्र

Submitted by Acharya89 on Mon, 05/20/2024 - 01:15

देबी मंत्र : “ॐ ह्रीं म स भोगबती करन पिशाचिनी प्रचण्ड बेगनी स्वाहा ।”

बिधि :- यह मंत्र दस हजार की संख्या में जपने से सिद्ध होता है । मंत्र के सिद्ध हो जाने पर प्रयोग के समय मिट्टी गोबर से भूमि को शुद्ध कर कुश बिछा कर शिबजी का बिधिबत पूजन करे । नैबेद्द चढ़ा कर हाथ में कमल का सूत्र बांधें तथा रात्रि के समय मंत्र का जप करे तो अर्द्ध रात्रि को देबी आकर साधक से बार्तालाप करती है ।
स्वप्म में देबता से बार्तालाप करने का मंत्र :

मंत्र : ओम ह्रीं त्रिचिंतिनी पिशाचिनी स्वाहा ।।

तैलमातंगी मंत्र प्रयोग

Submitted by Acharya89 on Mon, 05/20/2024 - 01:11

तैलमातंगी मंत्र प्रयोग :”ॐ ऐ तैलमातंगी नृनखमध्ये आगच्छ तत: कर्म कुरु कुरु स्वाहा ।।”

अस्य बिधानम् – रबिबार की रात्रि से काले कम्बल पर बैठकर नग्न हो प्रतिदिन १०८ बार मंत्र जपें । इक्कीस दिन में तैलमातंगी मंत्र सिद्ध हो जायेगा । फिर तैलमातंगी मंत्र प्रयोग इस प्रकार करे – (हाजरात की तरह करे)

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