चिंचीपिशाचनी भबिष्य दर्शन साधना
सामग्री : नीलबर्ण भोजपत्र, गोरोचन, केसर, दूध
मंत्र : ॐ क्रीं चिंचीपिशाचनी स्वाहा।।
चिंचीपिशाचनी बिधान :
गोरोचन, केसर और दूध इन सबको मिलाकर भोजपत्र पर अष्ट-दल की रचना करें, प्रत्येक दल पर मायाबीज (ह्रीं) लिखें । इसे अपने सिर पर धारण कर लें और मंत्र का यथासम्भब जाप करें । रोजना २-३ घंटे इसका जाप लगातार ७ दिन करने के बाद यखिणी स्वयं प्रकट होकर आपको भूत भबिष्य का बर्णन करती है ।