कर्कोटमुखी नागिनी मंत्र :ॐ भू: कर्कोटमुख्यै नम: ।।
बिधान : इस मंत्र से नागस्थान पर जाकर पूर्णिमा से अमाबस्या तक नित्य षोडशोपचार पूजा करके ७००० मंत्र का जप करे ।
अमाबस्या की रात्रि देबी साधक के सामने उपस्थित होकर बर मांगने को कहती है । भयभीत न हो, आदर के साथ अर्घ्य देकर देबी से धन के लिए प्रार्थना करे तो देबी निश्चय ही नागलोक से बिपुल मात्र में स्वर्ण और रत्न लाकर साधक को देती है , किन्तु उस धन का अपने निर्बाह और धर्म कार्य में ही व्यय करे अन्यथा साधक को घोर कष्ट उठाना पडता है और प्राप्त धन शीघ्र ही नष्ट भी हो जाता है । यही नहीं नागिनी बिकरालरूप धरकर स्वयं भी दिया हुआ धन बापस ले जा सकती है ।
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