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लक्षमी यक्षणी साधना

Submitted by Acharya89 on Sun, 05/19/2024 - 22:17

लक्ष्मी यक्षणी कुबेर ने धन पूर्ति के लिए महा लक्ष्मी की साधना की तो महा लक्ष्मी ने पर्सन हो कर वर मांगने को कहा तो श्री कुबेर जी ने उन्हे अपने लोक अल्का पूरी में निवास करने को कहा तो लक्ष्मी जी ने व्हा यक्षणी रूप में निवास किया और तभी से वहाँ धन की स्दह पूर्ति होती रहती है ।

हर एक चाहता है उस के पास सभी सुख हो और उसे कभी किसी का मोहताज न होना पड़े जीवन में हर क्षेत्र में उच्ता मिले शरीर भी सोन्द्र्यवान हो और धन की भी प्रचुर अवस्ता में प्राप्ति हो । इस के लिए यक्षणी साधनाए काफी महत्व पूर्ण मानी जाती है । और उनसे भी उत्म यह है के ऐसी यक्षणी साधना हो जो जल्द सीध हो और जो सभी मनोरथ पूरे करे ।

यह लक्ष्मी यक्षणी की साधना है इस एक साधना को करने से 108 यक्षणिए सिद्ध हो जाती । और साधक की हर ईछा पूर्ण करती है ।

इस लक्षमी यक्षणी साधना का विधान जटिल है फिर भी उसे आसान तरीके से दे रहा हु । एक कटोरी में चावल सिंदुर चन्दन और कपूर मिश्रत कर ले और लक्ष्मी के 108 नाम से नमा लगा कर पूजन करे और लक्ष्मी के 108 नाम आप किसी भी लक्ष्मी पूजन की बूक में देख सकते है ।

सुंगधित तेल का दिया लगा दे एक पात्र में कुश उपले जला के उस में गूगल और लोहवान धुप दे सुगधित अगरवाती भी लगाई जा सकती है । लाल कनेर से पूजन करे । और गुरु मंत्र का एक माला जप कर के लक्ष्मी यक्षणी मंत्र का 101 माला जप करे यह कर्म 14 दिन करना है ।

और लक्षमी यक्षणी साधना पूरी होने पे कनेर के फूल और घी से हवन करना है 10000 मंत्रो से । इस प्रकार यह लक्षमी यक्षणी साधना सिद्ध हो जाती है और साधक को रसयान सिधी प्रदान करती है ।
इस से साधक के जीवन में कभी धन की कमी नहीं आती जैसे चाहे जितना भी खर्चे धन घर में आता ही रेहता है इस के लिए कुबेर यंत्र और श्री यंत्र का पूजन करे और कमल गट्टे की माला जा लाल चन्दन की माला का उपयोग करे । दिशा उतर और वस्त्र पीले धारण करे ।

हवन के बाद घर में बनी खीर मिष्ठान का भोग लगाए । यह लक्षमी यक्षणी साधना सोमवार स्वाति नक्षत्र से शुरू करे ।

लक्षमी यक्षणी मंत्र : " ॐ लक्ष्मी वं श्रीं कमलधारणी हंसह सवाहा !!”

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जय माँ कामाख्या