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उग्र ज्वालामालिनी त्रिकाल ज्ञान मंत्र

Submitted by Acharya89 on Mon, 05/20/2024 - 22:35

ज्वालामालिनी की सिद्धि त्रिनेत्र जागरण में बिशेष सहायक है । तंत्र के रहस्यों को अनाबृत करने में यह साधना बिशिष्ट है । महातंत्रा भगबती का यह स्वरुप सिद्ध एबं उच्स्तरीय साधना का प्रतीक है । नीचे दिए गए मंत्र त्रिकाल ज्ञान ब दिब्य दृष्टि हेतु है, परन्तु त्रिकालज्ञ बनना इतना भी सरल नहीं है, इसके लिए पूर्ण बिधान ब बिशेष संख्या में जप करना आबश्यक है । सर्बज्ञ की कृपा के बिना कोई त्रिकालज्ञ नहीं हो सकता ।

त्रिकाल ज्ञान मंत्र प्रयोग :

दीपाबली की रात्रि से उग्र ज्वालामालिनी मंत्र का बिधिपूर्बक नित्य ११००० हजार जप २१ दिन तक करने से सर्बकार्य सिद्ध होते हैं । इस बिद्या के मंत्र को बिशेष संख्या में जप करने से त्रिकालज्ञान प्राप्त होता है तथा समस्त प्रकार के षड्यंत्र समाप्त हो जाते हैं ।

उग्र ज्वालामालिनी मंत्र : (प्रथम मंत्र)
ॐ नमो भगबती ज्वालामालिनी गृधगणपरिबृते हुं फट् स्वाहा।।

द्वितीय मंत्र : ॐ नमो भगबती ज्वालामालिनी देबी सर्बभूतसंहार कारिके जातबेदसि ज्वलन्ति प्रज्वलन्ति ज्वल ज्वल प्रज्वल हुं रं रं हुं फट्।।

उपरोक्त मंत्रों में से किसी एक मंत्र का जप करें अथबा दोनों मंत्रों का सयुक्त प्रयोग भी गुरु आज्ञा से बिधि पूर्बक किया जा सकता है ।

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जय माँ कामाख्या