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गडा धन मंत्र प्रयोग विधि हिंदी में

Submitted by Acharya89 on Mon, 05/20/2024 - 00:07

काले रंग की मुर्गी, जिसका मांस भी लगभग काला हो, उसकी चर्बी को अपनी आँखों में लगाने से पृथ्वी में गढ़ा हुआ धन दिखलाई देता है ।

गडा धन मंत्र :
“ओं कनक स्फुटि बिश्व के सेना चींग अंजनी परमा दृष्टि कुरु कुरु स्वाहा ।”

ग्रहण के समय मारे गये हिरण के चर्म या कस्तूरी के लिये जो हिरण मारा गया हो उसके चर्म पर बैठकर मुंगे की माला से १००८ बार मंत्र जपे तथा आहुति करे और एक अष्टधातु को कटोरी पर मंत्र लिखकर रखे तो जहाँ धन गढ़ा हो कटोरी जाकर ठहर जाती है ।

जिस स्थान पर कौबे मैथुन करें तथा सिंह आकर बैठें, ऐसे स्थान में गढ़ा हुआ धन है, ऐसे समझना चाहिए ।

गडा धन दीखने का मंत्र :
मंत्र : “ओं श्री ह्रीं क्लीं सर्बोषधी प्रणते नमो बिचे स्वाहा ।”

काले कौबे की जीभ को काली गाय के दूध में औटा कर जमाए । फिर उससे घी निकालकर, घी को उक्त गडा धन मंत्र से १००८ बार अभीमंत्रित करके आँखों में लगाये तो गढ़ा हुआ धन दिखलाई देता हैं ।

गडा धन खोदने का मंत्र :
मंत्र : “ॐ नमो भगबती सुमेरु रूपायै महाक्रांताये कं कालरुपायै फट स्वाहा ।”

पहले बिनौले, मुंग और तिल को गोमूत्र में पीसकर अपने शरीर में लगायें । फिर जँहा खोदना है, बहाँ चौका लगाकर खारक की बलि देकर गडा धन मंत्र का पाठ करे । इस प्रकार सात दिन तक करने के उपरान्त शुभ नक्षत्र देखकर उस स्थान को खोदें तो कोई भय नहीं होगा ।

दूसरा मंत्र : “ओं नम: एबंति सुमेरुपया लहाकालय कंकाल रुपया फट स्वाहा ।”
गेहुं तिल का चूर्ण बना करके शुद्ध घी में सानकर उस स्थान में हबन करे तो सर्पादिक भय न रहे और पृथ्वी में गढ़ा धन सरलतापुर्बक मिल जाता है ।

चेताबनी : भारतीय संस्कृति में मंत्र तंत्र यन्त्र साधना का बिशेष महत्व है । परन्तु यदि किसी साधक यंहा दी गयी साधना के प्रयोग में बिधिबत, बस्तुगत अशुद्धता अथबा त्रुटी के कारण किसी भी प्रकार की कलेश्जनक हानि होती है, अथबा कोई अनिष्ट होता है, तो इसका उत्तरदायित्व स्वयं उसी का होगा । उसके लिए उत्तरदायी हम नहीं होंगे । अत: कोई भी प्रयोग योग्य ब्यक्ति या जानकरी बिद्वान से ही करे। यंहा सिर्फ जानकारी के लिए दिया गया है ।

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