नाग कन्या साधना में नाग के 9 रूपों की उपासना की जाती है । नाग कन्या साधना से साधक शत्रु भय और किसी भी तरह की चिंता से मुक्ति पा लेता है । नाग वशीकरण साधना का प्रयोग करके धन की प्राप्ति होती है । जिन जातकों की कुंडली में नाग दोष होता है उन्हें इस नाग कन्या साधना से बहुत लाभ होता है । नाग देवता की कृपा से साधक के जीवन में धन सम्पदा और प्रेम की प्राप्ति होती है । नाग मंत्र साधना से साधक का चहुमुखी विकास होता है और उसके जीवन मंगलमय होने लगता है ।
नाग कन्या साधना में नाग के 9 रूपों की साधना का विशेष महत्व है । अगर कोई साधक किसी विशिष्ठ कार्य सिद्धि के लिए नाग कन्या साधना उपासना करना चाहता है तो उसे नाग के विभिन्न रूपों और उनकी साधना की विधि के बारे में जानकारी होनी चाहिए । नाग के 9 रूपों की साधना करने के बाद नाग कन्या साधना का मार्ग सुगम हो जाता है । इसलिए नाग के 9 रूपों की साधना पहले करना चाहिए ।
अगर कोई साधक जीवन में बड़ी आर्थिक सफलता प्राप्त करना चाहता है तो उसे शेषनाग की साधना करनी चाहिए । शेषनाग भगवान विष्णु के आसन के रूप में ख्यात हैं । उनकी आराधना करने से साधक को हर तरह से संकट से मुक्ति मिलती है । शेषनाग की साधना से भक्त को विशेष आर्थिक लाभ होता है । साधक की नौकरी, व्यापार आदि में आने वाली सभी बाधाएं दूर हो जाती हैं । इस नाग देवता की साधना से धैर्य और अभय जैसे मानसिक गुणों की भी प्राप्ति होती है ।
अगर किसी व्यक्ति का जीवन भयाक्रांत हो गया है और ज्ञात और अज्ञात भय हर समय घेरे रहता है तो उसे कर्कोटक नाग की साधना करना चाहिए । कर्कोटक नाग की साधना करने पर साधक को भय से सदा के लिए मुक्ति मिल जाती है । इस साधना को पूरा करने वाला साधक और उसका परिवार किसी भी शत्रु भय से मुक्त हो जाते हैं ।
अगर कोई साधक शिक्षा के क्षेत्र में बड़ी सफलता प्राप्त करना चाहता है तो उसे वासुकि नाग की साधना करना चाहिए । इस साधना से साधक को शिक्षा और नौकरी से जुड़े हर मामले में आशा के अनुरूप सफलता मिलती है । अगर आप किसी परीक्षा में पास होकर कोई बड़ा पद प्राप्त करना चाहते हैं तो वासुकि नाग साधना से आपको चमत्कारिक लाभ होगा । इस साधना से साधक के मस्तिष्क और बुद्धि का चहुमुखी विकास होता है और उसकी स्मरण शक्ति में भी वृद्धि होती है ।
विवाह नही होने की स्थिति में साधक पदम नाग की आराधना करनी चाहिए । पदम नाग की साधना करने वाले साधक में वशीकरण की शक्ति आ जाती है । अगर किसी व्यक्ति की लाख कोशिश करने पर भी शादी नही हो रही है या संतान प्राप्त नही हो रही है तो उसे पदम नाग की साधना करने से अभूतपूर्व लाभ होता है ।
जीवन में प्रेम की प्राप्ति के लिए साधक को धृतराष्ट्र नाग की आराधना करना चाहिए । अगर आपके जीवन में प्रेम की प्राप्ति में किसी भी तरह की बाधा हो तो आपको इस साधना से तत्काल लाभ प्राप्त होगा । प्रेम की सफलता में इस साधना से कई साधकों को बहुत लाभ हुआ है ।
अगर आपको विश्व भ्रमण में रूचि है तो आपको शंखपाल नाग की साधना अवश्य करना चाहिए । इस साधना से साधक अपने विश्व भ्रमण के मार्ग में आने वाली हर बाधा को आसानी से पार कर लेता है ।
आरोग्य की प्राप्ति और शरीर में होने वाले किसी भी विकार या रोग से मुक्ति के लिए भक्तों को कम्बल नाग की आराधना करनी चाहिए । कम्बल नाग साधना सरल नही है लेकिन इस साधना से असाध्य से असाध्य रोगों से भी छुटकारा मिल जाता है । उचित नियमों का पालन करते हुए इस साधना को करने से साधक को हर प्रकार के रोग से मुक्ति मिल जाती है । कुछ बीमारियाँ जिन पर दवाइयों का कोई असर नही होता वे भी इस साधना से दूर भाग जाती हैं । कम्बल साधना करने वाले साधक का काया कल्प हो जाता है और वह पूर्ण स्वास्थ्य का लाभ लेता है ।
जिस व्यक्ति को शत्रु का भय बना रहता हो उसे तक्षत नाग की साधना करना चाहिए । जीवन में किसी शत्रु के प्रभाव को नष्ट करने के लिए तक्षत नाग साधना बहुत असरदार है । कोई भी ज्ञात या अज्ञात शत्रु के भय से मुक्ति प्राप्त करने के लिए तक्षत नाग की आराधना से तुरंत लाभ प्राप्त होता है और शत्रुओं का नाश होता है । किसी भी साधक को ये नाग कन्या साधना करते समय सावधान रहने की ज़रूरत होती है ।
अगर आपके ऊपर किसी व्यक्ति ने तंत्र का प्रयोग कर दिया है तो उससे प्रभाव को नष्ट करने के लिए तथा शत्रु से बचाव के लिए साधक को कालिया नाग की साधना करना चाहिए । इस नाग कन्या साधना से साधक हर तरह की तंत्र बाधा से मुक्ति पा लेता है । इस साधना के प्रयोग से किसी शत्रु का विनाश भी किया जा सकता है या उसको बर्बाद किया जा सकता है । इस साधना के प्रयोग से आपके सभी शत्रु निस्तेज पड़ जाते हैं । नाग कन्या साधना करते समय मन्त्रों के उच्चारण का विशेष महत्व है । अगर आपकी कुंडली में कालसर्प दोष है तो आपको “ ओम कुरुकुल्ये हूं फट स्वाहा” इस मंत्र का उच्चारण करना चाहिए । नाग कन्या साधना में इन मंत्रों का उच्चारण करना चाहिए ।
“ओम अनन्तेशाय विद्द्हे महभुजान्काय धीमही तन्नो नाथ: प्रचोदयात”
“ओम नवकुलाय विद्द्हे विषदन्ताय धीमही तन्नो सर्प प्रचोदयात”
नाग मंत्र साधना के अंतर्गत नाग कड़ा साधना का भी विशेष महत्व है । इस साधना को करने से साधक नाग का वशीकरण कर सकता है और किसी व्यक्ति जिसे नाग ने काटा हो उसका इलाज कर सकता है । नाग को वश में करने के लिए उसे कील लगाना होता है । जब कोई साधक विधि पूर्वक नाग कड़ा का जप करता है तो नाग उसके सम्मुख आकर बैठ जाता है । जब साधना पूरी हो जाए तो नाग को किसी बाम्बी के पास ले जाकर छोड़ देना चाहिए और कील मुक्त कर देना चाहिए ।
नाग कड़ा साधना के लिए साधक को किसी नदी या तालाब के किनारे बैठ कर किया जा सकता है । इस साधना को करने के लिए घी का दीपक, फूल और दूध की ज़रूरत होती है । एक शांत जगह पर बैठकर अगरबत्ती लगा दें और घी का दीपक जला दें । अब थोड़े से फूल अर्पित करके नाग कड़े का उच्चारण करें । नाग मंत्र साधना को करते समय नियमों की अनदेखी बिल्कुल न करें । क्योंकि किसी भी तरह की लापरवाही या अति-आत्मविश्वास से हुई लगती से लाभ की जगह हानि उठानी पड़ सकती है ।
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जय माँ कामाख्या